अधिक जानकारी के लिये निम्न पोस्ट देखिये
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता(!) - NDTV द्वारा एक ब्लागर से पोस्ट डिलीट करवाया जाना
- तो क्या अब परंपरागत मीडियाकर्मी ब्लागरों को गरियायेंगे?
- अब्दुल भाई, मीडिया तुम्हारे काम की तुलना ९/११ से कर रहा है
- एनडीटीव्हीविरोधात ब्लॉगर्स संतापले!
- An open letter to Barkha Dutt
- Shame on NDTV and Barkha Dutt
- NDTV - Self-righteous, ill-advised or both?
- Muffling a Blogger
- NDTV’s Assault on Free Speech
- When ‘free speech’ bears a price tag
- A bedtime story about blog freedom
- Chetan Kunte and NDTV
- Why Barkha Dutt Should Walk The Talk?
- This is Where Barkha Comes From
- Barkha Dutt Padh Legi!
- Indian Blogger Apologizes to NDTV for Quoting Wikipedia
3 comments:
gagar main sagar.
danyvad.
पत्रकारिता भी पूरा एक व्यापार ही है तो एक व्यापारी के कर्मचारी की तरह ही वयवहार करने लगे हैं पत्रकार । मैंने भी वर्षों तक लिखा है अखबारों में इसलिए अंदर की बात पता है। वह वही कहेंगे जो मालिक कहेंगे ।एक ही दिन के बाद एक ही अखबार में दो हेडिंग देखिये
पहला दिन :- "घाटमपुर में कमल खिला"
दूसरा दिन:- "हाथी ने कमल को रौंदा"
अब आप समझ सकते हैं की दोनों ख़बर किस दम पर लिखी गयी होंगी संपादक पूरी तरह असह्हय देखते रहे जब यह खबर लिखी जा रही थी ।
लेकिन व्यापारी को तो सच्चाई से जायदा पैसे से मतलब है ।
कौन कर रहा है पत्रकारिता?सबके सब बेचारे नौकरी तो कर रहे हैं।
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