पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने मुंबई में आतंकवादी हमलों के परिप्रेक्ष्य में भारत के साथ संबंधों में तनाव के लिए पाकिस्तान की मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि आतंकवाद से लड़ने के लिए सरकार कितनी सख्त है.
भूतपूर्व सदर मुशर्रफ ने लंदन में एक इंटरव्यू में कहा कि "यदि आप आतंकवाद से नहीं लड़ते और सभी को इस बात का एहसास नहीं कराते कि आप इसे लेकर कितने सख्त हैं, तो आपको अमेरिका जैसे अन्य देशों और भारत के साथ इस तरह के हालात में समस्या हो सकती है. मुशर्रफ ने कहा कि सरकार के रुख के कारण भारत के साथ हालात जटिल हो गए हैं"
मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान में जिस तरह की हिंसा अब देखी गई है, मेरे समय में कभी भी नहीं हुई. 'द न्यूज' में प्रकाशित इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जल्दी ही विचार कर लिया था कि आतंकवाद के खिलाफ मैं अमेरिका के साथ हूं. आतंकवादियों और चरमपंथियों को रोकने के लिए मैंने अपने सभी अधिकारों का इस्तेमाल किया. मुशर्रफ ने कहा कि आतंकवादियों से निपटने का एक ही रास्ता है -उनसे लड़ना.
सेना मेरी हिफाजत कर रही है, लेकिन कुछ भी संभव है. पाकिस्तान बहुत बुरी स्थिति में है. मैं विदेशी निवेश लाया. मैंने सड़कें बनवाईं. उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान में रहना चाहते हैं उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मेरा घर है और मैं उसे नहीं छोड़ूंगा, हालांकि मुझे पाकिस्तान में खतरा हो सकता है.
केवल मुशर्रफ ही नहीं पाकिस्तान की आम जनता पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को पोषित किये जाने पर रोष जता रही है और जनता का रुख भांपकर पाकिस्तानी सरकार और आईएसआई अपने धंधेबाज चैनलों के जरिये अपने आपको पाक साफ साबित करने की मुहिम चलाने और इसे भारत द्वारा षड़यंत्र बताने की तैयारी करने लगी है.
Wednesday, December 3, 2008
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