Sunday, August 29, 2010

क्या आपने विनायक दामोदर सावरकर की "Indian War of Independence 1857" पढी है?


कुछ बेबकूफ कांग्रेसी और बुद्धिहीन कम्युनिष्ट अपने छुद्र स्वार्थों के चलते या अपनी बेबकूफी के चलते सावरकर के नाम से चिढ़ते रहते हैं.

Indian War of Independence 1857 की हिन्दी प्रति मेरे नानाजी ने मेरे बचपन में मुझे उपहार में दी थी. मेरे पढने के दौरान मेरा एक मित्र इसे मांग कर ले गया और मैं इसे तब से अब तक नहीं पढ सका.

भूतपूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब के कार्यकाल के दौरान भारतीय पुस्तकों के डिजिटलिजेशन की शुरूआत हुई जिसमें पहले सावरकर की पुस्तकें भी शामिल थीं. पिछले दिनों जब मैंने उस डिजिटल लाइब्रेरी को खंगाला तो उसमें से सावरकर की अधिकांश पुस्तकें गायब पाईं. पहले अंग्रेजों ने उनकी पुस्तकों पर प्रतिबन्ध लगाया अब भी सावरकर की पुस्तकों पर छिपा प्रतिबन्ध लगाया जाय तो किसके लिये ये शर्म की बात है, सरकार के लिये या हमारे लिये?

खैर आप Indian War of Independence 1857 अंग्रेजी संस्करण डाउनलोड करके पड़ सकते हैं, जब तक इसका हिन्दी संस्करण न मिले

Download Indian War of Independence 1857


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